आरती श्री कृष्णजी की | आरती संग्रह | लिरिक्स हिंदी | Jogichandlyrics | सांग लिरिक्स
आरती श्री कृष्णजी की - लिरिक्स हिंदी में | आरती कृष्णजी की |Jogichandlyrics | सांग लिरिक्स | Hindi Bhakti Song
Aarti Shri Krishna Ji ki । Aarti Song | Krishnaji ki aarti Jogichandlyrics | सांग लिरिक्स |
ओ३म्जय श्री कृष्ण हरे, प्रभुजय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख सारे पल में दूर करे।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी ।
जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी ।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
कर कंचन कटिं सोहत कानून में बाला ।
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
दीन सुदामा तारे दरिद्रों के दुख टारे ।
गज के फन्द छुड़ाए भव सागर तारे।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
हिरण्यकश्यप संहारे नरसिंह रूप धरे।
पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे ।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
पापी कंस विदारे नल कूबर तारे।
दामोदर छवि सुन्दर भगतन के घ्यारे ।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे।
फन फन नाचा करते नागन मन मोहे।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
राज्य उग्रसेन पाये माता शोक हरे।
द्रुपद सुता पत राखी करूणा लाज भरे।
ओ३म् जय श्री 'कृष्ण हरे ।
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box